संपादकीय Editorial ( अप्रैल April-2013 )

आजकल सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से पत्रकारिता का स्वरूप व माध्यम दोनों ही परिवर्तित हो रहे हैं ।  आज मुद्रित पत्रिकाओं का स्थान वेब पत्रिकाएँ लेती जा रही हैं ।आज युवा पीढी कम्प्यूटरों द्वारा सब काम कर रही है ।  यहाँ तक कि समाचार पत्र या पत्रिका पढ़ने के लिए भी उन्हें कम्प्यूटर सुविधाजनक लगता है ।

अंग्रेजी में अनेक वेब पत्रिकाएँ आ गई हैं ।  अधिकांश अंग्रेजी पत्रिकाएँ मुद्रित रूप के साथ-साथ वेब साइट पर भी उपलब्ध हैं ।  हिन्दी पत्रिकाओं में भी अब यह कार्य शुरु हो चुका है, परन्तु हिन्दी में वेब पत्रिकाएँ अभी भी बहुत कम हैं ।

अतः हिन्दी साहित्य, भाषा, संस्कृति और राजभाषा के रूप में हिन्दी के विकास से संबंधित नवीनतम जानकारियों को देने के लिए यह पत्रिका शुरु की जा रही है ।  हम इस संदर्भ में अपने पाठकों के विचार भी जानना चाहते हैं।इसलिए ही हमने इस पत्रिका का नाम “संवाद” रखा है ।

विशेष सूचना : 

इस अंक के माध्यम से हम अपने पाठकों को एक महत्वपूर्ण सूचना देना चाहते हैं कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग ने अपनी वेब साइट पर लिंक दिया है । इससे राजभाषा विभाग को भेजी जानेवाली तिमाही रिपोर्ट अब आप “ऑन लाइन ” प्रस्तुत कर सकते हैं ।  अधिक विवरण के लिए देखें  – www.rajbhasha.nic.in

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